पिंकी धीरे से नीचे उतर कर आती है तो सुनील आवाज को दबाते हुए मुंह पर हाथ रख कर बोला - "अरे यार क्या करती हो कितनी देर से हम मुर्गे की तरह एक टांग पर खड़े हैं और तो और तुम्हारी अम्मा लाठी और पड़वा देती हमे सांप बताकर" |पिंकी - "चुप करो.. अब रात भर नींद नहीं आएगी तो सुबह जल्दी कैसे जागेंगे, हां बोलो.."|सुनील - "तो रात भर नींद क्यूँ नहीं आती"|पिंकी - "तुम जो हो.. तुम्हें चैन कहां है? चले आते हो हमारे सपनों में भी |सुनील फूल के गुब्बारा हो गया और बोला - "हाय.. कसम