ब्याह ??? - 1

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ब्याह ??? (1) “नैन नक्श तो बडे कंटीले हैं साफ़ सुथरे दिल को चीरने वाले गर जुबान पर भी नियन्त्रण होता तो क्या जरूरत थी फिर से सेज चढने की ।“ “ हाय हाय ! जीजी ये क्या कह दिया ? जो कह रही हो सोचा कभी तुम भी वो ही कर रही हो वो ही जुबान बोल रही हो । न जीजी कोई औरत कब खुशी से दोबारा सेज सजाती है, जाने क्या मजबूरी रही होगी, कभी इस तरह भी सोचा करो । औरत की तो बिछावन और जलावन दोनो ही कब किसी के काम आयी हैं, वो तो