इच्छा की कम्पनी मे ही एक रमेश जी थे ,जो सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत थे. वैसे इच्छा की उनसे कभी कोई बात नही हुई .हाँ यदा-कदा आते -जाते "मैडम जी नमस्ते कैसे हैं."का संवाद हो जाता था . इच्छा उनके बारे मे ज्यादा जानकारी नही रखती थी. लेकिन एक दिन कुछ ऐसा हुआ जिसने इच्छा को हिलाकर रख दिया . वैसे तो रमेश जी कम्पनी मे एक सज्जन स्वभाव वाले व्यक्ति थे .लेकिन उनकी एक बुरी आदत थी, वह यह कि उन्हे शराब की बुरी लत लगी थी .आफिस से घर पहुँचते ही वे रोज इसका सेवन करते थे