फिर मिलेंगे... कहानी - एक महामारी से लॉक डाउन तक - 1

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मोबाइल की घंटी कब से बजे जा रही थी, मोहित हाथ धोते हुए अपने आप से बोला, “अरे भाई बस आया..” | मोबाइल उठाते ही उधर से आवाज आई, “अबे कहां रहता है तू ? कब से फोन कर रहा हूं ..” मोहित - “अरे कुछ नहीं बस वॉशरूम में था, बोल कौन सी आफत आ पड़ी” |मंजेश - “अरे यार एक खुशखबरी है” |मोहित - “अरे बता ना यार क्या खुशखबरी है , वैसे भी बड़े दिन से कोई गुड न्यूज़ नहीं सुनी” |मंजेश - “यार कल तुम्हारी भाभी ना मायके जा रही है... तो हम चारों मिलकर रोज पार्टी