"साहब! आपके लिए मिनिस्टर साहब का फ़ोन है।" अपनी बहुत सी बड़ी सफेद सनमाईका से बनी हुई डेस्क जो अपने रूम के आर्किटेक्ट के बिल्कुल ही अनुरूप थी जहा पर आदित्यनाथ कुछ कागज़ों को पढ़ने में व्यस्त था कि तभी उसके पी.ए ने आकर उनको कहा।"जय श्री राम! बोलिये, मिनिस्टर साहब! आपकी सेवा में भैयाजी तत्पर है"फरहाद, रहीम और ज़फर के साथ हुए वाक़ये के बाद रामदास ने भैयाजी को अंडरग्राउंड कर दिया था, और उसे दीव की अपनी एक कंपनी जिसका नाम "महेक इंफ़्रा" था उसकी भागडौर सौंप दी थी। तब से लेकर आज तक भैयाजी आदित्यनाथ का नाम