बेवफा ! अपनों के लिए ... ओ ' धन्य ' जिसने आंख बन्द होते हुए भी दुनिया के हसीन नजारों को देख लिया था . सात सुरों के संगीत को अपने सांसो मे बसा लिया था पर उसके असल जिंदगी का अंजाम क्या हुआ? जो नम्रता के साथ प्यार - वयार के चक्कर में था भूल गया था कि ऐसेे रेत का महल बनाने से क्या फायदा जो खुद -ब- खुद टूट के बिखर जाये .उसे एहसास ही नही था कि एक दिन नम्रता उससे दूर ...दूर दुनिया मे गुम हो जायेगी . आखिर ऐसा क्या