“आइस कि माँ जल्दी दरवाजा खोलो, देखो क्या लाये है।” बटूक ने जोर जोर से दरवाजा खटखटाते हुए कहा। उवासी लेते हुए बटूक के पत्नी गीता ने दरवाजा खोला। “ बड़ी जल्दी नही आ गये। “ मुँह बिचकाते हूए कहा। “साढ़े तीन बजे तक कहा मुँह मार रहे थे। और इतना बड़ा डिब्बा में किसके धर का कचड़ा उठा के लाये हो।” “ कचरा नही है आइस कि माँ, टीवी और डिस एन्टीना है। लाजपत नगर वाले बड़े एस पी साहिब है ना, उन्होने वह बड़ा वाला पतलका टीवी ले लिया तो मुझे पूरानका वाला बकसीस में दे दिया। साहिब