लाश का नाम सुनकर राजीव कुछ देर के लिए सन्न हो गया।वह बस कुछ देर तक अजय के सामने सवालिया नजरों से देखता रहा।पूरे हॉल में एक अजीब सा सन्नाटा छा गया।बाहर से बस तेज हवाएं चलने की आवाज आ रही थी आखिर कार राजीव ने उस सन्नाटे को तोड़ते हुए कहा,' यह क्या कह रहे हो तुम इन सब मजदूरों ने तो कहा था कि लाश अब तक नहीं मिली है।'उन सब को कुछ पता नहीं है,अगर पता चल जाता तो अभी तक बहुत बड़ा बवाल मचा देते और वैसे भी मुझे जिस हालत में वह लाश मिली है