जिन्दगी गले लगा ले तूख़ामोशी के आग़ोश में समाती दुनियाँ कहीं माँ -बाप तो कहीं कराहती मुनियांराष्ट्रीय नहीं अन्तर्राष्ट्रीय भय सिसकियाँ देश देश लांघती मौत से लड़ती ज़िन्दगियाँ हर चेहरे के ख़्वाब हो रहे तार तार,वायरस की मार चारों ओर हाहाकार।आदमी की जान संग लुढ़का बाज़ार,दवा की खोज और मंदी की ललकार। सरकारें परेशान ,मिला भारत का उपहार,बीमारी से बचाव में काम आया "नमस्कार"। (२) जीनाकोरोना कोरोना ,छूओ ना छूओ नासबको है जीना ,सबको है जीना!कैसी तेरी हरकत ,मौत से डरो ना।अपनों से अपनों को, दूर करो ना।बडे बेरहम हो ,बड़े बेशर्म हो छोटे बड़ों के ,नाकों में दम हो।ओ