हर्ज़ाना अंजली देशपांडे (2) “बड़ी ख़ुशी हुई सर, आपसे मिल कर. आपकी फोटो देखी थी न, अखबार में. आप को असल में देख लिया. बहुत इच्छा थी.” वकील साहब गदगद हो गए. “सर, जैसा कि आपको समीर ने बताया ही होगा, हम लोग भोपाल से आये हैं. गरीब मज़लूमों को इकठ्ठा करके रोज़गार के लिए और बेहतर वेतन के लिए संघर्ष करते हैं,” नीले कुरते वाली ने कहा. वह इनमें सबसे कम उम्र की लग रही थी. “बहुत अच्छा काम है,” वकील साहब ने कहा. “सर, हम सब गेस पीड़ितों के परिवार से हैं. मतलब बाद में पैदा हुये,” वह