लाजपत राय गर्ग की चुनिंदा लघुकथाएँ (7) सब एक समान एक बार एक वकील और एक सरदार में बहस हो रही थी। बहस के बीच सरदार ने कहा - ‘वकील साहब, सिक्ख कौम मार्शल कौम है, सुपीरियर कौम है।’ वकील - ‘सरदार जी, यह तो मैं मानता हूँ कि सिक्ख कौम मार्शल कौम है, किन्तु तुम्हारी इस बात से सहमत नहीं हूँ कि सिक्ख सुपीरियर कौम है।’ ‘वो क्यों?’ ‘अगर तुम्हारी ‘सुपीरियर कौम’ वाली बात मानें तो इसका मतलब होगा कि बाबा नानक की बात गलत है।’ ‘वो कैसे?’ ‘तुमने बाबा नानक की वाणी तो अवश्य पढ़ी या सुनी होगी!