चुनिंदा लघुकथाएँ - 3

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लाजपत राय गर्ग की चुनिंदा लघुकथाएँ (3) निठल्ली पीढ़ियाँ एडवोकेट शर्मा के चेम्बर में कुछ वकील तथा दो-तीन मुवक्किल बैठे थे। बात चल रही थी कि किसने ज़िन्दगी में कितना कमाया है! एक व्यक्ति बढ़चढ़ कर अपनी कामयाबी का बखान कर रहा था। उसकी बातों से लगता था, जैसे धन-दौलत ही दुनिया में सब कुछ है, यही पैमाना है व्यक्ति की काबलियत का! वह कह रहा था - ‘मैंने अपनी ज़िन्दगी में इतना धन-दौलत कमा लिया है कि मेरी आने वाली सात पीढ़ियाँ बिना कुछ किये-धरे ऐशो-आराम की ज़िन्दगी बसर कर सकती हैं।’ उसकी इस बात पर एडवोकेट शर्मा ने