परियों का पेड़ - 20

  • 7.4k
  • 1.8k

परियों का पेड़ (20) यम-यम खाना, सोने जाना आखिरकार, प्रकट में राजू चतुराई से कहने लगा – “परी माँ ! मैं सोच रहा हूँ कि अब इन कैदी बादलों को आजाद कर दिया जाए | बेचारे कहीं और जाकर बरस जायेंगे तो किसी की प्यास बुझ जाएगी | सच में, इन्हें इनकी शरारत की इतनी ही सजा बहुत है |” राजू की चतुराई समझ कर परी रानी भी हँस पड़ी – “चलो ठीक है | जब तुम कहते हो तो इनको आजाद कर देते है |” परी रानी ने तुरन्त अपनी जादुई छड़ी घुमाई | सूरज की गर्मी लिए हुए