परियों का पेड़ (16) अजब लोक के गजब निवासी ये सीढ़ियाँ तो स्वयं ही ऊपर की ओर सरकने लगी थी | ....अर्थात उन्हें लिये हुए खुद ही ऊपर की ओर उठने लगी थी | पैरों से चलकर ऊपर चढ़ने की जरूरत ही नहीं थी | वह आश्चर्य से चिल्लाया - “परी माँ ! संभलकर आना | ये सीढ़ियाँ तो खुद ऊपर की ओर सरक रही हैं | आप फिसलकर गिर न पड़ें ?” राजू की बात सुनते ही परी रानी हौले से मुस्कराई | कहने लगी – “चिंता मत करो राजू | ये सीढ़ियाँ किसी को गिरने ही नहीं देंगी