एक यूनुस एक बार फिर भाग रहा है। ठीक इसी तरह उसका भार्इ सलीम भी भागा करता था।लेकिन क्या भागना ही उसकी समस्या का समाधान है? यूनुस ने अपना सिर झटक दिया। विचारों के युद्ध से बचने के लिए वह यही तरीका अपनाता। इस वक्त वह सिंगरौली स्टेशन के प्लेटफार्म पर खड़ा है। सिंगरौली रेल्वे स्टेशन। अभी रात के ग्यारह बजे हैं। कटनी-चौपन पैसेंजर रात बारह के बाद ही आएगी। प्लेटफार्म कब्रिस्तान बना हुआ है। ठंड की चादर ओढ़कर सोया कब्रिस्तान। धुंधली रोशनी में कुहरे की हिलती चादर। लोग चलते तो यूं लगता जैसे कब्रों का रखवाला आकर दौरा कर