किस्सा बेईमानी का

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किस्सा बेईमानी का हुआ कुछ यूं था कि एक जमाने में औरतें हाथ के चरखे से सूत कातती थीं। उनमें से कुछ तो अपना ही सूत कातकर बाजार में बेचती थीं, कुछ दुकानदारों की ही रुई लेकर सूत की कताई करती थीं और उससे अपनी मजदूरी लेती थीं। कताई करने वाली औरतों को कत्ती कहा जाता था ।सूत कातने वाली कत्ती दिन-रात चरखे पर सूत कातती थी। चरखा चलाते-चलाते बांह भी थक जाती थीं। सारा शरीर थककर चूर-चूर हो जाता था और चरखा चलाते-चलाते पता ही नहीं चलता था कि कब आंखें मिंच गयीं और नींद में कब वहीं पीछे