ऑनलाइन इश्क़

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घर के सभी कामों को मीनू जल्द से जल्द निपटा देना चाहती थी। इस जल्दबाज़ी में सब्जी काटते वक़्त चाकू की पैनी धार से मीनू का अंगूठा भी कट गया मगर मीनू को तो जैसे कोई दर्द ही महसूस नही हो रहा था। उसे तो बस नो बजे से पहले सारा काम ख़त्म करना था ।अभी नौ बजने में दस मिनट थे कि मीनू ने सारा काम समेट लिया । जल्दी जल्दी एक प्लेट में खाना डाल अपने लैपटॉप के सामने बैठ गयी। उसकी आँखों मे इंतज़ार और सुकून का एक अनोखा ही मेल था। जैसे किसी लॉटरी का नतीजा