कर्म पथ पर Chapter 14वृंदा को होश आया तो उसके चारों तरफ अंधेरा था। कुछ देर बाद जब आँखें कुछ अभ्यस्त हुईं तो उसे समझ में आया कि वह किसी कमरे में बंद थी। उसके हाथ पाँव बंधे थे। लेकिन यह पुलिस लॉकअप नहीं था। उसके मन में आया कि उसे तो पुलिस गिरफ्तार कर लाई थी। पर वह पुलिस हिरासत में नहीं थी। तो फिर वह थी कहाँ ? उसे अंतिम जो बात याद थी कि एक हवलदार ने उसे