कुबेर - 20

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कुबेर डॉ. हंसा दीप 20 दादा के असामयिक निधन और उनकी अंतिम क्रिया यहीं होने की बातें उसके वीज़ा आवेदन में भावनात्मक पक्ष के रूप में जुड़ रही थीं। जॉन की कंपनी द्वारा दिया गया काम का प्रस्ताव कई सरकारी स्तरों पर परखा जाना था। डीपी को इन सबकी चिन्ता नहीं थी उसके लिए तो भाईजी थे ही। वह तो बस वकील साहब के अगले दनदनाते प्रश्न के आने का इंतज़ार कर रहा था। पूरे इंटरव्यू में पहली बार स्मिथ मुस्कुराए और बोले - “थैंक्यू सो मच डीपी, वी आर डन टुडे।” हाथ मिलाकर उस कक्ष से बाहर निकल कर