"आत्मविश्वास"लाइट नहीं है वाली घटना, मेरे जीवन में एक नया सवेरा लेकर आई। आज मैं मेरे अजीज मित्र सुरेश को प्राध्यापक हिंदी पद पर नौकरी ज्वाइन करवाने के लिए उसके साथ जा रहा था। मेरा मित्र नौकरी लग गया यह देखकर मैं बहुत खुश हो रहा था। मेरे मित्र ने हिंदी प्राध्यापक पद पर ज्वाइन किया। मैं स्कूल में स्टाफ वालों के पास बैठा रहा, बातों बातों में समय बीत गया, पहले दिन की छुट्टी हो गई। हम घर की तरफ वापस आ रहे थे। वापस आते समय हम नौकरी की बातें कर रहे थे। नौकरी में संघर्ष का अहसास