मेगा 325 हरीश कुमार 'अमित' (7) शशांक के पापा के बताए तरीक़े को आजमाने के लिए बड़े दादा जी जल्दी से ड्राइंगरूम में आए. उन्होंने देखा कि सोफे की कुर्सियों को इधर से उधर खिसका दिया गया है. सोफे के सामने की मेज़ भी अपनी जगह पर न होकर दीवार के पास पहुँच चुकी थी. मेगा 325 चुपचाप एक कोने में खड़ा था. शायद उसे यह समझ ही नहीं आ रहा था कि आखिर यह सब हो क्या रहा है. बड़े दादा जी को लगा कि इस बीच शशांक ने मेगा 325 को और तंग किया है. पूरा घर सेन्ट्रली