कशिश - 24

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कशिश सीमा असीम (24) क्या लिखूँ मैं ? कविता या प्रेमपत्र ? दिमाग में तो राघव ही घूम रहे हैं तो राघव को ही लिख सकती है और कुछ ख्याल में ही नहीं आता मानों पूरी दुनियाँ को बिसरा कर सिर्फ राघव से नाता जोड़ लिया है या सिर्फ उनको हो अपना मान लिया है ! राघव क्या तुम मेरा मन नहीं पढ़ पाते ? क्या तुम्हें मेरे अलावा कोई और भी इस दुनियाँ में नजर आता है तो क्यों ? मुझे तो कोई भी नहीं दिखता ! सिर्फ तुम और तुम ही ! कैसे संभव होगा ऐसा कि वो