बहू आई है तो

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वह आज की आखिरी क्लास खत्म करके धीरे धीरे चला आ रहा था।कितना खराब गुजरा था आज का दिन।शुक्र है स्कूल में उसका यह आखिरी साल था।उसके बाद उसने इस सड़े से शहर में रहना ही नहीं।किसी अच्छी जगह रहेगा, मुंबई या दिल्ली!यह सोचता वह आगे बढ़ ही रहा था कि उसे स्वर्ण दीदी दिखाई दी,स्वर्ण ने उसे आवाज़ दी।"दिनेश!दिनेश!!सुन!सुन!!"उसके बढ़ते कदम वहीं ठिठक गए।स्वर्ण अब तक पास आ गई थी।"राजे!ये बूढ़े की दुकान से एक चाय पत्ती का पैकेट और एक एक बिस्कुट भुजिया का पैकेट ले आ!जल्दी करके।घर मे मेहमान आये हैं।"उसने उसे सौ का नोट पकड़ाया और