तृप्ति - भाग (५)

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रोते हुए कमलनयनी मंदिर से वापस आ गई,उसे आज बार बार रोना आ रहा था,वो कितने अच्छे मन से मंदिर गई थी लेकिन पुरोहित जी ने दूर से ही देखकर बाहर निकाल दिया,इन सबका वो पुरोहित जी से उत्तर चाहती थी और उसने मन बना लिया को वो उनके निवास जाकर इस प्रश्न का उत्तर पूछेगी क्योंकि मंदिर में तो उसका प्रवेश निषेध है और महल में उनको अपने कक्ष में बुलाना उचित नहीं होगा। उसने मयूरी से पता करवाया कि पूजा-पाठ करके वो कब अपने निवास को निकलते हैं,हम तभी पहुंचेंगे, उनके घर, मयूरी सब कुछ पता करके