कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा… पिंकी और सुनील दोनों पानी भरने के बहाने मिल जाते हैं और अपनी मीठी-मीठी बातें करते हैं लेकिन सरला जाग जाती है और नल खुला देख कर सौ बातें सुनाती है |अब आगे…. पिंकी पानी की बाल्टी भरकर हांफते हुए घर आई पर उसके हांफने में थकान की जगह खुशी झलक रही थी |गुप्ता जी - "अरे पिंकी.. चाय पी लो बना दी है, तुम्हारी मां तो उतने पानी से ही नहा कर चली गई, बहुत बड़बड़ा रही थी, कहां रह गई थी तुम? बड़ी देर लगा दी"? पिंकी - "अरे पापा.. बड़ी भीड़ थी नल