अचानक इंसान महसूस करता है जीवन कितना छोटा है और हमेशा जैसा कुछ नहीं है ।सब कुछ मन मुताबिक घट रहा था, कोई कमी नहीं थी तो नीतू को गुमान हो गया अपनी योग्यता से कुछ भी हासिल किया जा सकता है। आसपास वाले जो इस आर्थिक सफलता की दौड़ में पिछड़ गए उनसे वह किनारा कर लेती, ऐसे लोगों की जीवन में क्या आवश्यकता है।पति राकेश काम के सिलसिले में दूसरे शहर गया हुआ था ।संध्या काल में अचानक फोन आया कि राकेश की तबीयत खराब हो गई है और उसे अस्पताल में दाखिल करा दिया गया है ।सुनते