अमर स्टेशन से निकल कर शीघ्र ही चौराहे पर पहुँच गया । चार रास्ते चार दिशाओं की तरफ जा रहे थे । यहाँ आकर वह पेशोपेश में पड़ गया । एक रास्ता स्टेशन की तरफ और दूसरा रास्ता चौराहा पार करके सीधा शायद विलासपुर शहर की तरफ जाता होगा ऐसा अमर का अनुमान था । लेकिन शिकारपुर के लिए बस किस तरफ से आएगी और किस तरफ जाएगी उसे बिलकुल भी अंदाजा नहीं लग रहा था । कहीं कोई सूचना पट भी नहीं था । आसपास भी कोई नजर नहीं आ रहा था । परेशानहाल अमर कुछ देर तक वहीं