सेक्स वेदोकी नज़रमे

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सेक्स !!!!!!!, सेक्स ?????? , सेक्स........., में जानता हु आपके मनमे यह सब भाव उठ रहे होंगे मगर ये बात भी सच हे की सेक्स जेसा पवित्र धर्म भी कही देखनेको नहीं मिलेगा। हमारे ग्रंथोमें "काम" यानी कामनाएँ इनको देवों का स्थान दिया गया हे, 'काम देव'। यह सारी गड़बड़ी इस लिए हुई क्योंकि सारे ग्रंथो में इसकी बात सीधी तरिकेसे नहीं की गई। आज सेक्स यानी काम भावनाको एक शेतान के रूपमें देखा जाता हे। यक़ीन मानीए में भी इस प्रकिया से गुज़रते