परियों का पेड़ (10) चल अकेला इस साहस और युक्ति भरे मुक़ाबले के कारण खतरा टल गया था | राजू की जान छूट गयी थी | वह तत्काल वहाँ से आगे की ओर भाग निकला | आगे बढ़ते कदमों के साथ उसके दिल की धड़कनें भी बढ़ी हुई थी | लेकिन उस जगह राजू थोड़ा सा संयत होने के लिए भी नहीं रुका | अब वह इस घने और खतरनाक जंगल से जितनी जल्दी हो सके, बाहर निकल जाना चाहता था | राजू अनुमान लगा रहा था कि वह अनायास बिजली कड़कने जैसी तेज चमक परी रानी की जादुई छड़ी