शायरी - 6

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अब तक मेरा इश्क बहुत छोटा था अब बड़ा होने जा रहा है।पहले वो आशिक था अब बेवफ़ा होने जा रहा है।।वो आइने के पीछे से हर चेहरा पहचानता हैलोग उसे अंधा समझते हैं वो दिल के आंखों से देखता है और सब कुछ जानता है उसकी नजरों का ज़ख्म जो मेरे दिल में है लाइलाज होता तो मेरा उसकी हांथो से ही इलाज होतादुनिया के सारे हकीम मेरी बीमारी से हार जातेउसकी नज़रों से मेरा इलाज होताउनकी जुल्फें भी मेरी शोहरत की आशिक़ निकलीमैं जरा सा बदनाम क्या हुआ वो घटा बन कर छाना छोड़ दियावो दर्द को बेदर्द कह कर