परियों का पेड़ (1) राजू एक लकड़हारे का बेटा था | उसके पिताजी जंगल से पेड़ काटकर लकड़ियाँ लाते | फिर उन्हें बाजार में बेच देते | उसकी माँ लकड़ियों से ही कुछ खिलौने भी बना लेती थी, जिसे बेचकर कुछ अतिरिक्त आमदनी हो जाती | इसी व्यवसाय से उसके परिवार का खर्च चलता था | राजू भी कभी – कभार अपने पिता के साथ जंगल में घूमने जाता | हरा – भरा जंगल उसे बहुत अच्छा लगता था | पहाड़ियों पर फैले जंगल में चारों ओर प्राकृतिक सुषमा बिखरी पड़ी थी | विभिन्न प्रजातियों के रंग बिरंगे फूल, अनेक