कुट्टी “यह आपको बहुत याद कर रही थी---आज खींच लायी---“ “बहुत अच्छा किया----“ मैंने मीनू को अपनी ओर खींच लिया और पास बैठाकर प्यार करने लगा. उसने एक जापानी गुड़िया पकड़ रखी थी. मैं उसे देखने लगा. मीनू ने सहज ही गुड़िया मुझे दे दी और बोली, “अंकल, कितनी प्यारी है यह डॉल!” “हां, बिल्कुल तुम्हारी तरह.” उसने गुड़िया ले ली और उसे चूमने लगी. “आज ही खरीदी है---पापा---हमने इसे कहां से खरीदा?” मीनू बाजार का नाम भूल गई थी. “चांदनी चौक से.” सुधीन्द्र बाबू बता रहे थे, “गाड़ी से उतरकर पहले सोचा सीधे आपके यहां ही चलूं, लेकिन मीनू