मैं बहुत देर से कसरत कर रही थी और अपने मन को समझा रही थी कि अगर मुझे अगले महीने होने वाले कॉलेज फेस्ट में अच्छा दिखना है तो थोड़ी देर और करना पड़ेगा। तेरह चौदह साल की उम्र में ही मुझे समझ आ गया था मेरी रूह एक ओवरवेट शरीर में कैद है। एक्सरसाइज और डाइटिंग मेरी जिंदगी का तब से हमेशा का सिरदर्द बन गया है। जोर-शोर से शुरू करती हूं ,फिर उक्ताकर छोड़ देती हूं। कोई टोक देता या लगता बहुत से स्टाइल के कपड़ों से वंचित रहना पड़ता है इस मोटापे के कारण तो फिर शुरु