जहाँ चाह वहाँ राह डा. अंजली शुक्ला (61 वर्ष) अर्थशास्त्र की प्राध्यापक है। वे दुर्भाग्य से 2014 में कैंसर से पीडित हो गई थी परंतु अपने आत्मबल, परिजनों के सहयोग, स्नेह तथा समय पर उचित उपचार के उपलब्ध हो जाने के कारण अब वे पूर्णतया स्वस्थ्य हो चुकी हैं। जीवन के लिये उनका संघर्ष बतलाता है कि सहयोग ओर संकल्प से कठिन से कठिन परिस्थितयों पर भी विजय प्राप्त की जा सकती है। सन् 2014 में अचानक ही उनकी जिंदगी में कैंसर के कारण भूचाल आ गया था। उनके हाथों में सूजन रहती थी और दर्द होता था।