आओ चलें परिवर्तन की ओर... - 10

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‘हाँ जी’, आवाज़ सुन कर मैं पीछे मुड़ कर देखता हूँ तो वह मेरे पीछे ही आ रही थी | मैं उसे देख कर मुस्कुराते हुए बोला “आप मेरे पीछे आ रही हैं या मैं आपके आगे चल रहा हूँ |” वह मुस्कुराते हुए बोली “असल में, मैं अपनी गाड़ी खड़ी कर रही थी तो मैंने देखा आप आज फिर बाज़ार जा रहे हैं | मुझ से रहा नहीं गया और यह सोच के आपके पीछे आ गई कि कहीं आप फिर न गिर जाएँ |” मैंने हँसते हुए कहा “आपने मुझे इतना गिरा हुआ समझ लिया है |” “अब