लगभग तीन महीने बाद जब मेरी परीक्षा का परिणाम आया तो पिता जी ने बोला कि बेटा दिल्ली चले जाओ और आगे की पढ़ाई करो | मैंने उन्हें यह कह कर टाल दिया कि अभी मैं आगे नही पढ़ना चाहता हूँ | नौकरी या कहीं प्रशिक्षण प्राप्त करने की कोशिश करूँगा | यदि मुझे कहीं प्रशिक्षण या नौकरी नहीं मिली तो फिर आगे पढ़ने की सोचूंगा | इस पर पिता जी ने ‘हाँ’ की मुहर लगा दी | असल में मैं, दिल्ली आना ही नहीं चाहता था | मुझे डर था कि यदि इस समय मैं दिल्ली जाता हूँ तो