अमर प्रेम प्रेम और विरह का स्वरुप (5) जब समीर ने इतना आश्वासन दिलाया तब अर्चना ने हिम्मत करके राख में दबी चिंगारी का समीर को दर्शन कराने की ठान ली और वादा लिया यदि वो नाराज भी होगा तो उसे कह देगा मगर उसे छोड़कर नहीं जाएगा क्योंकि अर्चना के लिए उसके पति और बच्चों का जीवन में क्या महत्त्व है वो कोई नहीं समझ सकता, वो उन्हें किसी भी कीमत पर खोना नहीं चाहती और जो खलिश उसे राख किये जा रही है वो बताने पर हो सकता है तूफ़ान की ज़द में सारा घर आ जाए इसलिए