कभी अलविदा न कहना डॉ वन्दना गुप्ता सारांश प्रस्तुत उपन्यास मुख्यतः प्रेम के धरातल पर लिखा गया है। संयुक्त परिवार में रह रही नायिका जब नौकरी करने दूसरे शहर में जाती है, तब बदलते परिवेश में किस तरह खुद को समंजित करती है। विभिन्न पात्रों के माध्यम से अलग अलग