सर्जिकल स्ट्राइक

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कोमल की सिसकियां पूरे कमरे में गूंज रही थी। निवेदिता ने उसका हाथ धरा और आंखों से ही उसे सांत्वना देने लगी। कौशल्या वही पास खड़ी निवेदिता और कोमल को देख रही थी, पर एक शब्द न बोली। वह मौन खड़ी थी। मानो क्रोध के सैलाब से लबालब थी पर किसी मूरत के समान खड़ी थी। कौशल्या ने न जाने कितनी औरतों को देखा जो थक हार कर आखिर में उसकी संस्था 'पहला कदम' में आती है और अपनी आप बीती सुनाते ही अश्रुओं के सागर में डूब जाती है। कौशल्या, कोमल की बाते सुनकर भावुक नही हुई थी अपितु