आज मेरे मित्र राधेश्याम , सुबह से ही भांग छान आये थे । आते ही बमके - बीवी संग न खेलो होली । मैंने कहा - भैया जरा धीमे । क्यों त्योहार के दिन खुशहाल घर में मोहरम मनवाना चाहते हो । वे पूरे जोश में थे । वैघानिक चेतावनी को दरकिनार करते हये , दोनों हाथ उपर कर और जोर से बौराये - हे संसार के पतियो सुन लो । अपनी बीवी के साथ होली खेलना सबसे घात. . । इससे पहले कि वे लाइन पूरी करते मैंने अपनी हथेली से उनका मुंह बंद कर दिया - यार