नानी तुमने कभी प्यार किया था भाग-5पीछे मुड़कर देखती हूँ तो जीवन प्यार का , संघर्ष का, लड़ाई का, झगड़े का, सहयोग का, मित्रता का, राग - द्वेष का, जन्म का, मृत्यु का, मिलन- विछोह का मिलाजुला रूप लगता है।मैं उसे आवाज नहीं लगा पायी।और वह मेरे सामने से निकल गया।इंटरनेट पर उसकी बात को पढ़ा और आँखें भर आयीं । उसने लिखा था - शायद, तुमसे अच्छे लोग मिले,तुमसे अद्भुत विचार सुने,तुमसे सुन्दर तन देखा,पर तुम सा कोई शब्द नहीं था।शायद, उनसे ऊँचे शिखर भी देखे,उससे अधिक सौन्दर्य मिला,तबसे अनोखे क्षण भी आये, पर तुम सा कोई नाम नहीं था।तुम से