सत्या - 33

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सत्या 33 “दादी, कैसी हैं?” कहते हुए रोहन कमरे में आ गया. रोहन इंजीनियरिंग की फाईनल परीक्षा देकर घर आया हुआ था. दादी बैठी टी. वी. पर कार्यक्रमों के चैनल बदल-बदल कर देख रही थीं. उन्होंने टी. वी. पर से नज़रें हटाए बिना कहा, “आओ बेटा.” “दादी, हम चाचा की आलमारी से कोई उपन्यास लेने आए थे. ले लें?” “ले ले ना, तुझे पूछने की क्या ज़रूरत है? एक काम कर, तू यहीं बैठकर पढ़. हमको मीरा से कुछ काम है. हम उसी के पास जा रहे हैं.” माँ उठकर चली गईं. रोहन ने आलमारी खोली. एक दो किताबें निकाली.