इस दश्त में एक शहर था अमिताभ मिश्र (18) वे कप्तान थे। अपने मोहल्ले की हर टीम के स्वयंभू कप्तान हुआ करते थे। दरअसल वे हर टीम का गठन भी करते थे और उसके कप्तान भी हुआ करते थे। क्रिकेट, हाकी, फुटबाल, वालीबाल, कबड्डी आदि सारे खेलों के वे कप्तान थे। हर खेल पर बराबरी का अधिकार । उनके जोड़ का खिलाड़ी आसपास के गली मोहल्लों में भी नहीं था। उनका असल नाम चिन्मय स्कूलों के रजिस्टरों में दर्ज था, बड़े होने पर वोटर लिस्ट में मिल सकता था पर अखिल जगत उन्हें कप्तान के नाम से ही जानता रहा। उनका