जी-मेल एक्सप्रेस अलका सिन्हा 6. रोज की दुल्हन लगभग आधे घंटे बाद पूर्णिमा जीएम के साथ दाखिल हुई। लंबे कद के बावजूद जीएम मैडम ने ऊंचे हील वाली सैंडल पहनी हुई थी। ठक्-ठक् की आवाज उनकी चाल को और भी रोबदार बना रही थी। वे पूर्णिमा के साथ किसी महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा कर रही थीं। वैसे भी, जिस विषय पर जीएम से चर्चा की जाए, वह तो अपने आप ही महत्वपूर्ण हो उठता है। वे दोनों हॉल के भीतर आ चुकी थीं। हम सभी अपनी-अपनी सीट पर खड़े हो गए। मगर मैडम ने कोई दिलचस्पी न ली, उनका पूरा