दो अजनबी और वो आवाज़ - 8

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दो अजनबी और वो आवाज़ भाग-8 उस अंधेरे में वह अंकल जी किसी खलनायक से कम नज़र नहीं आते थे। हालांकि वह कभी किसी से कुछ नहीं कहते थे। स्वभाव के भी भले इंसान थे। लेकिन वही दूसरी ओर जब कभी अकेले रहना पड़े ,तो ऐसा भी लगता था कि चलो हम अकेले नहीं है। कोई तो है हमारे आस पास जिसे वक़्त पड़ने पर बुलाया जा सकता है। आज फिर उस लाल बिन्दु पर मेरी नज़र इस तरह से सालों बाद पड़ी थी। मैंने किसी तरह हिम्मत करके उस लाल बिन्दु के पास जाने कि कोशिश की लेकिन उस