आघात - 11

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आघात डॉ. कविता त्यागी 11 शाम के लगभग तीन बजे पूजा ने मुस्कुराते हुए प्रेरणा से कहा - ‘‘पिन्नु ! जा, जरा देेखकर तो आ, तेरे जीजा जी जाग चुके हैं या अभी तक सो रहें हैं ?... तूने तो अपने जीजा जी से बातें ही नहीं की हैं ! उनसे नाराज है क्या ?’’ पूजा की बात सुनकर प्रेरणा उठी और बाहर की ओर चल दी, जहाँ मुख्य द्वार से सटे हुए अतिथि कक्ष में रणवीर सो रहा था । प्रेरणा का अुनमान था कि पूजा दीदी माँ से कुछ बातें करना चाहती हैं, इसलिये उसे वहाँ से कहीं