ए मौसम की बारिश - १० - अंतिम भाग

(32)
  • 7.2k
  • 2
  • 2.2k

उन्हों ने बताया की रघु को में लेकर आई। उसी दिन से तुम मुझसे नफरत करने लगे। धीरे धीरे तुम्हारी मेरे प्रति बढ़ती नफरत ने मेरी आंखे खोल दी। लगा की शायद में ही गलत थी। इसीलिए तुम्हे पाने से पहले ही खो दिया। * * * छ महीने बाद तुम्हारी ओर नंदनी की शादी तैय हुई शादी के कार्ड पर तुम्हारे साथ नंदनी का नाम देखकर मुजे लगने लगा की मेने तुम्हे खो दिया। तुम्हे पाने की चाहत में मेने नंदनी से तुम्हारे प्यार की भीख भी मांगी। शादीवाले दिन ही में जाकर उसके