दादी को होश आते ही उसने सबसे पहले मुझे फोन किया ओर वहां जो कुछ भी हुवा सारी बात बताई। उसी पल अपनी बाइक लेकर में माही को बचाने के लिए निकल पड़ा। पर मुझे तो ये भी नही मालूम था। की वो आदमी कोन था। वो मेरी माही को कहा ले गया। पूरे शहर में... में ओर मेरे दोस्त माही को ढूंढ रहे थे। पर माही का कोई पता नही चल रहा था। अगले दिन सुबह एक बंध फेक्टरी के पास से में गुजरा की मेने एक लड़की की रोने की आवाज सुनी। वही अपनी बाइक