कशिश - 10

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कशिश सीमा असीम (10) तुम मेरा हाथ देखो और बताओ मेरी जिंदगी में कितनी प्रेमिकाएं हैं ? हे भगवान ! कितनी ? पारुल हंसी ! हाँ भई ! कितनी ही बता दो आज तक एक भी नहीं मिली है न ? सही है ! न मिले ! क्यों तुम मेरी खुशी नहीं चाहती हो क्या ? चाहती हूँ तभी तो कह रही हूँ ! अच्छा यह भला कौन सी खुशी हुई कि तुम मेरे जीवन मे किसी प्रेमिका का दखल भी नहीं चाहती ! मैं हूँ न ! उसने हल्के से कहा ! और मेरे होते हुए किसी और प्रेमिका