"हमारे पास पैसे हैं ,इसका मतलब यह नहीं कि हम पैसे लुटाए"रमेश औऱ दिनेश भाई थे।रमेश गांव मे आधी बटाई पर जमीन लेेकर खेेती करता था।उसके गांव मेसिचाई का साधन नही था।इसलिए खेतीपूर्णतया बरसात पर नििरभर थीी।मां बाप के गुजर जाने के बाद रमेश नेछोटे भाई दिनेेश कीी परवरिश की थी।रमेश चाहता था,दििनेश बडा होकर नौकरी करें। इसलिए उसे खूब पढाया।कालेज की पढाई पूरी करते ही दिनेश की दिल्ली मेट्रो मे नौकरी लग गई।नौकरी लगते ही उसके लिए रिश्ते आने लगे।कईं लडकियों को देखने के बाद दिनेश को निर्मला पसंद आयी।रमेश ने दिनेश की शादी निर्मला से कर दी।शादी के